mydiarypoems

Sunday 23 August 2020

तेरा भोलापन

तेरा भोलापन तेरे इस भोलापन का,हर कोई दीवाना है।..२ तुम हो माली का उपवन, जो हर एक कुसुम समाया है, तुम गुण हिरण कस्तूरी का, जो सबका मन महकाया है, मेरी शाम की तू समा, मेरा दिल तेरा परवाना है। तेरे इस भोलापन का हर कोई दीवाना है।…२ तुम मणिकंचन की काया, जो सबका मन ललचाया है, तुम मोहनी रूप हो माया का, जो सौंदर्या को समझाया है, माना निगाहें टूट गई पर , दिल आज भी ठाना है। तेरे इस भोलापन का हर कोई दीवाना है।..२ तुम भीषण गर्मी की ठंडक, जो हर एक रूह समाया है, तुम शिखर हिमालय पर्वत हो, जो गंगा को पनपाया है, झरनें संगीत का सरगम, जो हर धुन गुनगुनाया है, तेरे इस भोलेपन का हर कोई दीवाना है।..२ तुम हो करुणा की मूरत, कुदरत तुझमें खोया है, हँसना है तेरी फिदरत, तुझें देख कुसुम सरमाया है, तुम चुनर विधाता की, जहाँ सबने शीश झुकाया है, तेरे इस भोलेपन का हर कोई दीवाना है।..२

Tuesday 12 November 2019

ये जिंदगी

ये जिंदगी
ये जिंदगी बस साथ दे मुझे,
कुछ पाने की ख्वाब दे मुझे,
हिम्मती हो हर कदम में मेरी,
ऐसी हर बुलंद हौसला दे मुझे,
ये जिंदगी एक बात बता,
इस खेल में मेरी औकात बता,
जीतना है हर खेल यहाँ,
बस तू हर एक राज बता,
ये जिंदगी आशियाना बना,
आशियाना तक हर रास्ता दिखा,
मंजिल ना भटक जाऊँ कहीं,
हर मंजिल का रास्ता बता,
ये जिंदगी क्यू डरता हूँ मैं,
हरपल क्यू घबराता हूँ मैं,
विजय हो हर डर पर मेरी,
इस विजय का पाठ पढा,
ये जिंदगी बस साथ चलो,
मेरे हर रग विश्‍वास,
टूटे न कभी आस मेरी,
हर आस से मेरी पहचान करो,
ये जिंदगी तू इतना बता,
क्यू उलझा है हर एक यहाँ,
समझता हूँ हर चीज यहाँ,
क्यूं  सुलझ पता ये बता,
ये जिंदगी थाम लेना मुझे,
गिर जाऊँ तो सम्भाल लेना मुझे,
नाज़ुक हो सपने तो क्या करू,
पाषाण सा सपने दे मुझे,
ये जिंदगी एक बात सुनो,
मेरी भी एक फररयाद सुनो,
मिलना है अब तुमसे अभी,
बस उपयुक्त एक समय चुनों,
ये जिंदगी तू चीज है क्या,
समझा दे मुझें सब आज यहाँ,
क्यू उलझी हुईं है दुनियाँ मेरी,
रोऊ या हंसु ये बता,
ये जिंदगी मुझे दोस्त बना,
दोस्ती का मुझे कद्र समझा,
अनजान हूँ मैं सबसे यहाँ,
एक इशारे से दोस्त बता,
ये जिंदगी............
……………………………………

दिखा दूँगा




दिखा दूंगा
यह बेजान सी दुनियां में,
हर उम्मीद मेरी मिटा देना,
हर एक उम्मीद जगा दूँगा बस,
उम्मीद किरण बन जाने दो।
मेरी स्वपन के राहों में,
जोख्म का जाल बिछा देना,
हर जाल चीर दिखा दूँगा बस,
समय साथ चल जाने दो ।
अमावश्या की काली रातों में,
हर एक चााँद छुपा देना,
हर चााँद छू दिखा दूँगा, बस,
चकोर मुझें बन जानें दो।
मेरी हर संकल्प को भी,
हठ से तुम मिटा देना,
संकल्प जीत दिखा दूँगा बस,
एक मौका मिल जानें दो ।
भाग दौर की दुनियाँ में,
त चाहें दूर निकल जाना,
हर दूरी लााँघ दिखा दूँगा बस,
पवन गति बन जानें दो।
मेरी अपनी गरिमा पे,
सब में दाग लगा देना,
हर एक दाग मिटा दूँगा बस,
सत्यनिष्ठा ले आने दो ।
मेरी कश्ती डुबानें में,
हर मझधार बहा देना,
कश्ती किनारें ला दूँगा बस,
पतवार हाथ आ जानें दो।

Monday 11 November 2019

प्यार मेरा






प्यार मेरा
एक पनप उठा था प्यार मेरा,
एक हँसीन सी लड़की थी,
मेरी घर की गलिया में,
उसकी छोटी सी बस्ती थी,
मेरे दिल की वादी में,
बस एक ही फूल की हस्ती थी।
एक पनप……….!!
छोटी छोटी बातों पर वो,
दिल से खुश हो जाती थी,
सिथिल हो जाता था वो छण,
मेरी आंखें टिक जाती थी,
हर रोज एक बहाने से,
वो हमसे मिला करती थी,
प्यार भरी मुस्कान से,
मेरे मन मार जाती थी।
एक पनप......!
एहसास हुआ मेरे दिल को,
कुछ तो कहना चाहती थी,
छुपाती थी बहुत लेकिन,
उसकी आँखे कह जाती थी,
मुझे उसकी नादानी हरकतें,
हरबक्त याद दिलाती थी,
उसकी प्यारी यादों में,
मेरी नींदें उड़ जाती थी।
एक पनप…..!
जिस दिन मेरे गलियों में,
जब न आ पाती थी,
ढूींढता था जबतक मैं,
निगाहें थक न जाती थी,
काली अँधेरी रातों में,
एक ज्वाला की भाँति थी,
उसकी सभी बातें भी,
मेरे दिल तक जाती थी,
एक पनप….!
यार मेरें ये मत पूछो,
उसकी प्यार कैसी थी,
इतना बस समझ ले तू,
सागर के मोती जैसी थी,
उसके सारें कसमें वादें,
एक भी ना झूठी थी,
मेरे दिल केि दरिया में,
केबल एक ही कश्ती थी।
एक पनप ……!!

खुद की पहचान





खुद की पहचान
खुद से खुद की पहचान कर,
खुद ही पहचान पाएगा, तेरी पह्चान किया है खुद ही जान जाएगा।
गहराइयाँ ये सागर की न डर तू जान कर,
तू छोटी सी कस्ती नही ये चल तू मान कर,
खुद से पतवार बन ,तब खुद ही जान पाएगा,
तू अपनी कस्ती को खुद संभाल पाएगा।
खुद से खुद,.....
जब पग में हो बेड़ियां, न रुको ये जान कर ,
किसी मे इतना दम नही जो तुम्हें रखे बांध कर,
‌खुद से मशाल बन ,खुद ही जला पाएगा,
ये बेड़ियाँ लौह का खुद ही पिघाल पाएगा।
खुद से खुद की पह्चान ...

एक दीवाना


एक दीवाना

एक दीवाना हूँ तेरा,
जो छुपकर तुम्हें देखा करता,
तुझें इसकी खबर ना थी तो,
ये दिल  बेचारा किया करता।
ये उन दिनों की बात है जब,
सब नैन मट्टके किया करता,
आदत तेरी अलग थी तो,
ये नैन बेचारा क्या करता।
एक दीवाना हूँ……..!
तेरी हर चाहत को मैं
दिल  से पूरा करता,
तुझें इसकी भनक ना थी तो,
ये चाह बेचारा किया करता,
 कसूर तेरा था जहां पे,
अपना नाम दिया करता,
तू सबसे अनजान थी तो,
ये नाम बेचारा किया करता,
एक दीवाना हूँ तेरा……!
जब गुमसुम होकर तुम,
मुूँडेर पर आया करती,
तेरी एक मुस्कान के लिए,
हर रूप कोशिश करता,
तेरे मेरे रूप की कदर ना थी तो,
ये रूप बेचारा किया करता,
एक दीवाना हूँ तेरा ………!

Your innocence

YOUR INNOCENCE

Each one of your goodness is insane,
everyone was truly crazy about your innocence.!

You 're the beautiful  gardener' s garden  in which every single flower is maintain.
You have qualities of  deer musk, That is the mind of everyone.
You are the candle of  great evening, that’s make beautiful than moon.

Each one of your goodness is insane…..
everyone was truly crazy about your innocence.!

You are the body of the jewel – gold, that tempted the mind of all.
You are the siren form of delusion, which has explained the beauty of all.
The souls were broken, but the heart still went out to rest.

Each one of your goodness is insane…..
everyone was truly crazy about your innocence!

You are the  chill of scorching summer,that’s need  of every soul.
You are the peak of the Himalayas, that has sprung up the Ganga.
You are the gamut of porous music, which is humming every tune.

Each one of your goodness is insane…..
everyone was truly crazy about your innocence!

You are the statue  of compassion, where God have been lost.
Laughing is your feat, that’s makes Jealousy to all.
You are the symbol of god, where  everyone has bowed their head.

Each one of your goodness is insane…..
everyone was truly crazy about your innocence!

By -sumit

Thursday 29 August 2019

यह मोहब्बत क्या है

यह मोहब्बत क्या है

यह मोहब्बत क्या है,
ये जरा समझा दे तू।
मेरे सपने में क्यूँ आ जाती,
ये जरा बतला दे तू।
क्यूँ बन जाती नई सुबह ,
घर में या मैखाने में।
तुम मेरी आदत क्यूं,
ये जरा बतला दे तू।
स्वर्ग की परी हो या,
फूल की कली हो तुम।
कोई मुझे नही बताता,
ये मुझे बतला दे तू।
यौवन तेरी सर्वोपरी,
अतुल्य है इस जमाने में।
कहाँ से आई है तू ,
ये जरा बतला दे तू।
हंसती है जब कभी तू ,
मन खिल सा जाता है।
सिथिल हो जाता ये छण क्यूँ,
ये जरा बतला दे तू।
चलती है जब भी तू,
रंगीन हवा चल जाती है।
तू फिजा बन जाती क्यूं,
ये जरा बतला दे तू।
तुम हमेशा खुश रहती है,
मुझसे राज छुपाती क्यूं।
मुझे भी अब खुश रहना है,
ये राज जरा बतला दे तूँ।
अंतिम इच्छा अब यही है,
तुझसे मिल जाऊं कभी।
कोई एक समय सोचकर,
ये समय बतला दे तू।
यह मोहब्ब क्या है,
ये जरा समझा दे तू ।

SHE WAS SOMEONE



          SHE WAS SOMEONE

 A name of my first story was she,
 She did not recognized me,
But she had an identity of my heart.
She had  a naive face with playful eyes,The lips had the truth, 
She had a habit of laughing.
New tune of my music was she,
She did not recognized me,
 But she had an identity of my         heart.
Unconditional Habits had she ,
 She had a spicy talk,
 There was something in her           heart,But she couldn't tell me,
A cute smile in my heart was she.
She did not recognized me,
But she had an identity of my heart.
Her language was different from me, But She knew the language of love,
She understood everything
without understanding anything.
A different id from the world was she,She could not recognized me
But she had an identity of my heart.
When my name resonates in her ears, She used to get distraught.
 By concealing most of the eyes,
 Where did she hide herself I din't know, More dearest moon than the moon of the sky was she,
She did not recognized me,
But she had an identity of my heart.
The unique name of unfinished
story was she, She was not my only friend, she was my  more than that,
A name of my first story was she.........