एक दीवाना
एक दीवाना हूँ तेरा,
जो छुपकर तुम्हें देखा करता,
तुझें इसकी खबर ना थी तो,
ये दिल बेचारा किया करता।
ये उन दिनों की बात है जब,
सब नैन मट्टके किया करता,
आदत तेरी अलग थी तो,
ये नैन बेचारा क्या करता।
एक दीवाना हूँ……..!
तेरी हर चाहत को मैं
दिल से पूरा करता,
तुझें इसकी भनक ना थी तो,
ये चाह बेचारा किया करता,
कसूर तेरा था जहां पे,
अपना नाम दिया करता,
तू सबसे अनजान थी तो,
ये नाम बेचारा किया करता,
एक दीवाना हूँ तेरा……!
जब गुमसुम होकर तुम,
मुूँडेर पर आया करती,
तेरी एक मुस्कान के लिए,
हर रूप कोशिश करता,
तेरे मेरे रूप की कदर ना थी तो,
ये रूप बेचारा किया करता,
एक दीवाना हूँ तेरा ………!
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