खुद की पहचान
खुद से खुद की पहचान कर,
खुद ही पहचान पाएगा, तेरी पह्चान किया है खुद ही जान जाएगा।
गहराइयाँ ये सागर की न डर तू जान कर,
तू छोटी सी कस्ती नही ये चल तू मान कर,
खुद से पतवार बन ,तब खुद ही जान पाएगा,
तू अपनी कस्ती को खुद संभाल पाएगा।
खुद से खुद,.....
जब पग में हो बेड़ियां, न रुको ये जान कर ,
किसी मे इतना दम नही जो तुम्हें रखे बांध कर,
खुद से मशाल बन ,खुद ही जला पाएगा,
ये बेड़ियाँ लौह का खुद ही पिघाल पाएगा।
खुद से खुद की पह्चान ...
खुद ही पहचान पाएगा, तेरी पह्चान किया है खुद ही जान जाएगा।
गहराइयाँ ये सागर की न डर तू जान कर,
तू छोटी सी कस्ती नही ये चल तू मान कर,
खुद से पतवार बन ,तब खुद ही जान पाएगा,
तू अपनी कस्ती को खुद संभाल पाएगा।
खुद से खुद,.....
जब पग में हो बेड़ियां, न रुको ये जान कर ,
किसी मे इतना दम नही जो तुम्हें रखे बांध कर,
खुद से मशाल बन ,खुद ही जला पाएगा,
ये बेड़ियाँ लौह का खुद ही पिघाल पाएगा।
खुद से खुद की पह्चान ...
No comments:
Post a Comment